ये न समझ के मैं भूल गया हूँ तुझे,तेरी खुशबू मेरी सांसो में आज भी है,मजबूरी ने निभाने न दी मोहब्बत ,सच्चाई तो मेरी वफ़ा में आज भी है। Share this:TwitterFacebookLike Loading... Related